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उदिता पांडेय

अपने में मस्त कविता की रचनाकार उदिता पांडेय एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और इन्होंने समाज को बारीकी से देखा और पढ़ा है। सामाजिक कार्यों के विभिन्न क्षेत्रों में इनकी भागीदारी सराहनीय रही है।

मै अपने में खोयी अपने में मस्त,
अपने काम काज में व्यस्त।
क्यूँ छेड़ा इस मासूम सोच को कमबख़्त,
दुनियाँ चाहे हो जाए अपनी छोटी छोटी बातों से त्रस्त।
लोग हो जाए अपनी बनायी हुइ सोच से बार बार ग्रस्त।
जीवन होगा उथल पुथल और पल पल में द्धवस्त,
पर मै तो अपने उड़ान पर क़ायम रहूँगी हर वक़्त।

                                               उदिता पाण्डेय

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